Sunday, November 16, 2008

मैं कहाँ हूँ?

अभी मैं अपने कम्प्यूटर के आगे लिख रहा हूँ। मेरी हिन्दी किताबें मेरे बग़ल में हैं। मेरे आगे अपना काला झोला है, और उसके अंदर मेरी हिन्दी कापी है। झोले के पीछे हमरी मेज़ है, और वे दोनों इस कमरे की बत्ती के नीचे हैं। मेरे घर के अंदर दूसरे कमरे हैं, और उसके बाहर एक बड़ी सड़क है। मेरा घर दो मकानों के बीच है, और वे मकान ज़्यादा छोटे हैं, कम ख़ूबसूरे। आभी के पहले मैं अपनी दोसत के साथ खा रहा था। हर रविवार यह ख़ास महिला अपने यहाँ मेरे लिए खाना बानाती है।

Saturday, November 8, 2008

एक औरत और उसकी बेटी

हर सुबह को, मेरे घर के बाहर एक माता और उसकी बेटी हैं। मैं उनके नाम नहीं जानता हूँ, और मालूम भी नहीं कि कहाँ रहती हैं, पर शायद मेरे पड़ोस में। वे उधर हमेशा लड़की के स्कूल की बस का इंतज़ार करती हैं। माता हमेशा मुश्किल चीज़ों के बारे में बात करती है, हालाँकि लड़की छह साल से कम का है! और ये ख़ुश चीज़ें नहीं है! मसलन, ज़िन्दगी की उदासी, प्यार की समसयाएँ! मुझको मालूम होता है कि माता एक कुछ केली व्यक्ति है, शायद उसको दोसतों की ज़रूरत है। 

Sunday, November 2, 2008

काम जाना

मैं अक्सर जलदी नहीं उठता हू। वैसे मैं काफ़ी देर से सुबह की उठता हूँ क्योंकि हमेशा आधी रात के बाद सी जाता हूँ। मैं अपने दफ़्तर के नज़दीक रहता हूँ, ती मैं अक्सर पैदल चलता हूँ। मेरे दोसत ज़्यादातर युनिवर्सिटी की बस से काम जाते हैं। मेरा दफ़्तर बड़ी इमारत के अंदर है, और मेरा दफ़्तर मेरे मालिक के दफ़्तर के नीचे है। मैं नहीं सोचता हुँ कि वह काम पैदल जाता हैं क्योंकि शहर से काफ़ी दूर रहता है, लेकिन मेरे दफ़्तर के दूसरे लोग शहर में रहते हैं।